गुड्स चल सकती हैं, तो यात्री ट्रेन क्यों नहीं

गुड्स चल सकती हैं, तो यात्री ट्रेन क्यों नहीं

रेलवे की कार्रवाई से ‘इंटरलॉक’ हुआ यात्रियों का दिमाग, मची अफरा-तफरी

बांधवभूमि, उमरिया

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने एक बार फिर संभाग से गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनो को करीब एक सप्ताह तक रद्द किये जाने की घोषणा कर त्यौहारों के सीजन मे अफरा-तफरी मचा दी है। अचानक आये इस फरमान ने खास तौर पर उन यात्रियों को परेशान कर दिया है, जिन्होने महीनो पहले ट्रेनो मे अपने रिजर्वेशन करा रखे थे। रविवार को जैसे ही सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी लगी, लोगों ने पहले तो इसकी सत्यता परखी, फिर इस समस्या से निपटने की तैयारी मे जुट गये। गौरतलब है कि रद्द अथवा डायवर्ट की गई सभी ट्रेने बिहार, राजस्थान, गुजरात, ऊधमपुर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रीवा आदि जगहों से छत्तीसगढ़ के बीच आवागमन करती हैं। जहां रक्षाबंधन, कजलियां और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस त्यौहार पर भारी तादाद मे बहने अपने भाईयों को राखी बांध कर ट्रेनो से वापस लौटती हैं। अचानक रेलवे द्वारा जुगाड़ फेल कर देने से उन्हे तुरंत रिजर्वेशन मिलना टेढ़ी खीर है। लिहाजा अब या तो यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करनी होगी, या घूम फिर कर अथवा निजी साधनो से अपने गंतव्य तक पहुंचना होगा। ये सभी विकल्प परेशानी से भरे हुए हैं।

और भी सवाल गंभीर
बीते कुछ सालों से रेलवे द्वारा अचानक ट्रेनो को रद्द करने की घोषणा आम बात हो गई है। इन सभी मौकों पर इंटरलॉकिंग को कारण बता कर जनता के सामने परोस दिया जाता है। मजे की बात यह है कि इंटरलॉकिंग का भूत सिर्फ यात्री गाडिय़ों को ही परेशान क्यों करता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जिस दौरान विभिन्न वजहों से ट्रेनो को रद्द किया जाता है, उस पीरियड मे कोयले का परिवहन करने वाली गुड्स ट्रेने पहले से ज्यादा संख्या मे निकलती हैं। उनके संचालन पर इंटरलॉकिंग या अन्य कार्यो का प्रभाव क्यों नहीं पड़ता और यात्री ट्रेने ही क्यों रद्द होती हैं, यह सोच-सोच कर यात्रियों का दिमाग इंटरलॉक हो गया है। वैसे इसका का जवाब रेलवे को जरूर देना चाहिये।

जवाब देने मे कतरा रहे अधिकारी
गौरतलब है कि रेल प्रबंधन द्वारा उमरिया जिले के बंधवाबारा स्टेशन के पास होने वाली इंटरलॉकिंग तथा अन्य कारणो से कटनी-बिलासपुर रूट के मध्य गुजरने वाली कई ट्रेनो को निरस्त कर दिया गया है। इसकी वजह से यात्री ट्रेनो का संचालन आगामी 31 अगस्त से 10 सितंबर के बीच बाधित रहेगा। जबकि 1 से 7 सितंबर तक बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस और 2 से  8 सितंबर तक गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग नैनपुर, जबलपुर, कटनी होकर चलेगी। सूत्रों का दावा है कि इंटरलॉकिंग का काम मुख्य लाईन की बजाय नवनिर्मित तीसरी लाईन मे होना है। इस संबंघ मे रेलवे अधिकारी भी स्पष्ट जवाब देने मे कतरा रहे हैं।

नागपुर-शहडोल ट्रेन स्थगित होने से श्रेयजीवियों मे निराशा
इसी बीच रेलवे द्वारा हाल ही मे घोषित 11201-11202 शहडोल-जबलपुर-शहडोल साप्ताहिक ट्रेन का संचालन स्थगित कर दिया गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारी अर्जुन सिबल ने कल 28 अगस्त को इस संबंध मे एक मेमोरण्डम जारी किया है, जिसमे ट्रेन को आगामी आदेश तक स्थगित करने का उल्लेख है। इस गाड़ी का शुभारंभ आज 29 अगस्त को होना था। रेलवे के आदेश से क्षेत्र के श्रेयजीवियों मे भारी निराशा है। जानकारी मिली है कि रेलवे की उपेक्षा और अन्याय के समय मौन रहने और बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने पर उछलने वाले कुछ नेताओं ने तो शुभारंभ कार्यक्रम के लिये नये कुर्ते भी सिलवा लिये थे। अब उन्हे इसके लिये थोड़ा इंतजार करना होगा।

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