शीतघात से बचने करें सुरक्षा के उपाय
गलाव वाली सर्दी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
इस महीने की शुरुआत मे कई दिनों तक हुई बारिश के बाद मौसम साफ होते ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक बीता सोमवार इस सीजन का सबसे सर्द रहा। इस दिन न्यूनतम पारा 6.4 दर्ज किया गया। जबकि मंगलवार को तापमान 6.5 डिग्री था। हालांकि उमरिया के हिसाब से यह कोई खास सर्दी नहीं है, परंतु उत्तर भारत से आ रही शीत लहर ने इस पर तड़का लगाने का काम किया है। बीते दो-तीन दिनों से पड़ रही गलाव वाली ठंड से जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सर्दी के कारण लोग देर से बाहर निकल रहे हैं। ग्रामीणजन भी शाम होने से पहले अपने घरों की ओर रवाना हो जाते हैं ताकि समय पर सुरक्षित हुआ जा सके। बाजार की अधिकांश दुकाने रात 9 बजे से पूर्व ही बंद हो जा रहीं है। शरीर को शीत लहर से बचाने गर्म कपड़ों का सहारा लिया जा रहा है।
बारिश और कोहरे की उम्मीद
इधर मौसम विभाग ने ठंड ठिठुरन और बढ़ने के साथ-साथ आने वाले दिनों में बारिश की संभवाना भी जताई है। विभाग की माने तो 3-4 दिनों तक मौसम के ऐसे ही बने रहने के आसार हैं। हालांकि अगले हफ्ते नए वेदर सिस्टम के एक्टिव होने से बादल छाने और कहीं, कहीं हल्की बारिश की उम्मीद है। इस दौरान कोहरा भी अपना असर दिखा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिन के तापमान मे और गिरावट होगी, जबकि रात का तापमान मात्र 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होते ही तेज ठंड का दौर शुरू होगा।
अलर्ट रहें नागरिक
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा मेहरा ने नागरिकों से शीतघात व शीतलहर को लेकर पर्याप्त सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया कि शीत ऋतु में वातावरण का तापमान अत्यधिक कम होने पर शीत लहर का चलना प्रारंभ हो जाता है। जिसके कारण मानव स्वास्थ्य पर अनेक विपरीत प्रभाव जैसे सर्दी जुकाम, बुखार, निमोनिया, त्वचा रोग, फेफड़ों का संक्रमण, हाईपोथर्मिया, अस्थमा, एलर्जी आदि होने की आशंका बनी रहती है। शीतलहर से बचने के लिए गर्म एवं ऐसे कपड़े जिनमे कई परतें होती है, अत्यधिक प्रभावी होते हैं। ठण्ड से बचाव के लिये रजाई, कंबल, स्वेटर जैसे गर्म कपड़ों का उपयोग किया जाना चाहिये। मफलर, आवरण युक्त जलरोधी जूतों भी काफी प्रभावी होते हैं। सीएमएचओ डॉ. मेहरा ने बताया कि जिले के सिविल सर्जन तथा समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को सदी से बचाव हेतु जनजागरूकता के लिए मैदानी स्तर पर आशा, आशा सुपरवाइजर्स, एएनएम, एमपीडब्ल्यू को अलर्ट करने हेतु निर्देशित किया गया है।