डिनर के दौरान जिनपिंग और पीएम मोदी ने मिलाए हाथ, अलग से बातचीत की भी उम्मीद
बाली (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार को G20 समिट शुरू हुई। फर्स्ट सेशन में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन-रूस जंग रोकने पर जोर दिया। शाम को इंडोनेशिया के प्रेसिडेंड जोको विडोडो ने समिट में आए सभी लीडर्स के लिए डिनर होस्ट किया। इस दौरान मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने हुए। दोनों ने हाथ मिलाए और कुछ देर तक बातचीत की। इसके पहले उज्बेकिस्तान के समरकंद में सितंबर में आयोजित SCO मीटिंग के दौरान दोनों नेता एक ही मंच पर मौजूद थे, लेकिन तब दोनों की आंखें तक नहीं मिलीं थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मोदी और जिनपिंग जी-20 समिट से अलग बातचीत भी कर सकते हैं।डिनर से कुछ घंटे पहले मोदी ने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। यहां मोदी ने कहा- इंडोनेशिया और बाली आने के बाद हर हिंदुस्तानी को एक अलग अहसास होता है। मैं भी वही वाइब्रेशन्स फील कर रहा हूं। हमारा हजारों साल पुराना रिश्ता है। हम हजारों साल से इस परंपरा को निभा रहे हैं।
समिट के फर्स्ट सेशन में G20 नेताओं के बीच फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें PM मोदी ने कहा- कोरोना और इसके बाद यूक्रेन संकट ने दुनिया में तबाही मचाई है। UN भी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाया। हमें यूक्रेन-रूस जंग को रोकने का रास्ता खोजना होगा। इसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा है।
समिट के फर्स्ट सेशन में G20 नेताओं के बीच फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें PM मोदी ने कहा- कोरोना और इसके बाद यूक्रेन संकट ने दुनिया में तबाही मचाई है। UN भी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाया। हमें यूक्रेन-रूस जंग को रोकने का रास्ता खोजना होगा। इसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा है।
मोदी से खुद मिलने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
समिट के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद मोदी से मिलने पहुंचे। दरअसल, मोदी बाइडेन को देख नहीं पाए थे। वो दूसरी तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बाइडेन ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों ठहाके लगाते नजर आए। कुछ मिनट बाद प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया और उनसे भी बातचीत की।
समिट के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद मोदी से मिलने पहुंचे। दरअसल, मोदी बाइडेन को देख नहीं पाए थे। वो दूसरी तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बाइडेन ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों ठहाके लगाते नजर आए। कुछ मिनट बाद प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया और उनसे भी बातचीत की।
हिंदी बोलने वाला अमेरिकी प्रवक्ता
अमेरिकी विदेश विभाग में हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार चर्चा में रहे। तरार पाकिस्तानी मूल के हैं, लेकिन हिंदी के कठिन शब्दों पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। वो अकसर टीवी चैनल्स पर भी नजर आते हैं। G20 के दौरान स्टेट डिपार्टमेंट ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कुछ भारतीय टीवी चैनल्स को इंटरव्यू भी दिए। डीडी न्यूज से बातचीत में तरार ने कहा- भारत और अमेरिका के रास्ते अब अलग नहीं हो सकते। हमारी खूबसूरती और ताकत लोकतंत्र है और दुनिया को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
अमेरिकी विदेश विभाग में हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार चर्चा में रहे। तरार पाकिस्तानी मूल के हैं, लेकिन हिंदी के कठिन शब्दों पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। वो अकसर टीवी चैनल्स पर भी नजर आते हैं। G20 के दौरान स्टेट डिपार्टमेंट ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कुछ भारतीय टीवी चैनल्स को इंटरव्यू भी दिए। डीडी न्यूज से बातचीत में तरार ने कहा- भारत और अमेरिका के रास्ते अब अलग नहीं हो सकते। हमारी खूबसूरती और ताकत लोकतंत्र है और दुनिया को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
G20 के मेनिफेस्टो में मोदी की बात
दो महीने पहले समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन समिट हुई थी। इस दौरान मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था- यह दौर जंग का नहीं, बातचीत का है। तब मोदी की इस बात को वेस्टर्न मीडिया ने जोर-शोर से उठाया था। अब जी-20 के कम्युनिक्यू या कहें मेनिफेस्टो में इसी लाइन को जगह दी गई है।
दो महीने पहले समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन समिट हुई थी। इस दौरान मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था- यह दौर जंग का नहीं, बातचीत का है। तब मोदी की इस बात को वेस्टर्न मीडिया ने जोर-शोर से उठाया था। अब जी-20 के कम्युनिक्यू या कहें मेनिफेस्टो में इसी लाइन को जगह दी गई है।
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