मुंबई। भारत में कोरोना काल में 75% परिवारों की आय कम हुई है। उधर विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गरीबी की स्थिति बहुत दयनीय है। भारत की 86.8% जनसंख्या गरीब है। इस दृष्टि से भारत की स्थिति नाइजीरिया से थोड़ी बेहतर है क्योंकि वहां पर 92.1% जनसंख्या गरीब है। गरीबी के हिसाब से शीर्ष 9 देशों में भारत दूसरे नंबर पर है। यहां तक कि भारत के पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान भी भारत से बेहतर स्थिति में हैं। बांग्लादेश में 84.5% जनसंख्या गरीब है, जबकि हमारे पड़ोसी पाकिस्तान में 79.5% जनसंख्या गरीब है। भारत से छोटा देश इथियोपिया भी भारत से बेहतर है। इथियोपिया में 84.7% जनसंख्या गरीब है। अक्सर यह कहा जा सकता है कि बड़ी जनसंख्या के कारण गरीबी रहती है, किंतु चीन इसका अपवाद है। भारत से थोड़ी अधिक चीन की जनसंख्या है। लेकिन वहां पर केवल 31.5% लोग ही गरीब हैं। साउथ अफ्रीका भी भारत से बेहतर है क्योंकि वहां 57.1% जनसंख्या गरीब है। इंडोनेशिया की 62.3% जनसंख्या गरीब है। मिस्त्र में भी 61.9 % जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है।भारत की स्थिति इसलिए भी चिंतनीय है क्योंकि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार आर्थिक विकास और लोगों की आमदनी बढ़ने के दावे किए जाते रहे हैं। लेकिन वर्ल्ड बैंक के आंकड़े इन दावों के ठीक विपरीत हैं। महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान की एक सर्वे रिपोर्ट भी यही कहानी कह रही है। महाराष्ट्र के 17 जिलों में हंगर वाच -2 नाम से हुए सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी और वेतन कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 75 फीसदी परिवारों की आय कम हुई है, इनमें से 64 फीसदी लोगों की आय तो घटकर आधी रह गई है। 20 फीसदी को तो वापस नौकरी ही नही मिली है। महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान संस्था के अनुसार, महाराष्ट्र के 17 जिलों में गांव, शहर की बस्ती और आदिवासी इलाकों में 1225 लोगों को सवाल बनाकर दिए गए थे जिनके जवाब के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है।
कोरोना में 75% परिवारों की आय कम हुई, बेरोजगारी बढ़ी
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