75% एक्टिव केस सिर्फ महाराष्ट्र-केरल में
नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पिछले 7 दिन से नए केस बढ़ रहे हैं। देश के कुल एक्टिव केसों के 75% से ज्यादा मामले तो सिर्फ महाराष्ट्र (44,765) और केरल (59,817) में हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने शनिवार को बताया कि मध्यप्रदेश में 13 फरवरी के बाद से केसों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में यहां करीब 300 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी शुक्रवार को 250 से ज्यादा केस मिले। मिनिस्ट्री के मुताबिक, केरल में लगातार कोरोना के मामले मिल रहे हैं। बीते दिन महाराष्ट्र में भी 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। इसी तरह पंजाब में भी संक्रमितों के आंकड़े में अचानक बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। पिछले 24 घंटे में यहां 383 नए मामले आए हैं। सरकार ने हिदायत दी है कि लोग लापरवाही न बरतें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। इसी से संक्रमण की चेन तोड़ी जा सकती है।
दक्षिण भारत में फैला महामारी का N440K वैरिएंट
देश में पाए गए कोरोना के 5 हजार से ज्यादा वैरिएंट्स पर हैदराबाद की सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CSIR-CCMB)के वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है। इसमें पाया गया कि दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा कोरोना का N440K वैरिएंट फैला है। हालांकि ये वैरिएंट कहां से और कब फैला इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है। CCMB के डायरेक्टर राकेश मिश्र ने कहा, ‘इस वैरिएंट के फैलने के कारण और तरीकों को जानने के लिए इस पर नजर रखने की जरूरत है।
देश में पाए गए कोरोना के 5 हजार से ज्यादा वैरिएंट्स पर हैदराबाद की सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CSIR-CCMB)के वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है। इसमें पाया गया कि दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा कोरोना का N440K वैरिएंट फैला है। हालांकि ये वैरिएंट कहां से और कब फैला इसकी जानकारी अभी नहीं हो पाई है। CCMB के डायरेक्टर राकेश मिश्र ने कहा, ‘इस वैरिएंट के फैलने के कारण और तरीकों को जानने के लिए इस पर नजर रखने की जरूरत है।
खतरनाक वैरिएंट्स का भारत में नहीं दिखा असर
CCMB के डायरेक्टर प्रो. राकेश मिश्रा ने बताया कि दुनिया के कई देशों में खतरनाक बन चुके वैरिएंट्स का भारत में ज्यादा असर नहीं दिखा। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि हमारे यहां ज्यादा सीक्वेंसिंग नहीं की गई। हमें वायरस के ज्यादा जीनोम के सीक्वेंसिंग करने की जरूरत है, ताकि नए वैरिएंट्स की पहचान की जा सके।
CCMB के डायरेक्टर प्रो. राकेश मिश्रा ने बताया कि दुनिया के कई देशों में खतरनाक बन चुके वैरिएंट्स का भारत में ज्यादा असर नहीं दिखा। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि हमारे यहां ज्यादा सीक्वेंसिंग नहीं की गई। हमें वायरस के ज्यादा जीनोम के सीक्वेंसिंग करने की जरूरत है, ताकि नए वैरिएंट्स की पहचान की जा सके।
टेस्टिंग का आंकड़ा 21 करोड़ के पार
देशभर में कोरोना टेस्टिंग का आंकड़ा 21 करोड़ के पार हो गया है यानी, 138 करोड़ की आबादी वाले देश में अब तक 21 करोड़ लोगों की जांच हुई है। इनमें 5.21% यानी, 1.09 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए। चिंता की बात ये है कि करीब 4 महीने तक देश में कोरोना मरीजों की संख्या घटने के बाद अब एक बार फिर से इसमें तेजी देखने को मिली है। शुक्रवार को 13 हजार 519 नए मरीज मिले। 9962 लोग रिकवर हुए और 90 की मौत हो गई। इस तरह से एक्टिव मरीजों की संख्या में 3,455 की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 86 दिन बाद ये पहली बार है, जब एक दिन के अंदर 3 हजार से ज्यादा एक्टिव केस बढ़े हैं। इसके पहले 25 नवंबर को एक साथ 7 हजार एक्टिव मरीजों में इजाफा हुआ था।
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