नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का अध्ययन कर रहे सरकारी पैनल ने टीके के चलते एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। कोरोना वैक्सीन के चलते भारत में यह पहली मौत की पुष्टि की हुई है। (एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनाइजेशन) समिति ने 68 साल के शख्स की एनाफिलाक्सिस से मौत की पुष्टि की है। एनाफिलाक्सिस एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन है। के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा न एक बार फिर से हम यह सलाह देंगे कि टीका लगने के 30 मिनट बाद तक वैक्सीनेशन सेंटर पर ही रुकें। इसी अवधि में कई बार साइडइफेक्ट्स देखे जाते हैं और उसके बाद तत्काल इलाज मिलने पर उसे नियंत्रित किया जा सकता है। कमिटी की ओर से वैक्सीन लेने के बाद जिन केसों की जांच की थी, उनमें से 5 लोगों ने 5 फरवरी को वैक्सीन ली थी। इसके अलावा 8 लोगों ने 9 मार्च को टीका लगवाया था और 18 लोग ऐसे थे, जिन्होंने 31 मार्च को कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। अरोड़ा ने कहा, ‘वैक्सीन लेने के बाद एनाफिलाक्सिस के चलते मौत का यह पहला मामला है, जो जांच के बाद दर्ज किया गया है।’ इससे पहले तीन लोगों की कोरोना टीका लगने के चलते मौत की बात कही गई थी, लेकिन सरकारी पैनल ने सिर्फ एक मामले की ही पुष्टि की है। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 68 वर्षीय शख्स की मौत 8 मार्च, 2021 को हुई थी। कमिटी की ओर से कुल 31 मामलों पर स्टडी की गई, जिनमें से 28 की मौत हो गई थी। दावा किया जा रहा था कि लोगों की वैक्सीन लेने के बाद ही मौत हुई है। लेकिन कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा है कि इन 28 मौतों में से महज 1 मृत्यु वैक्सीनेशन की वजह से हुई है। तीन लोगों को एनाफिलाक्सिस (वैक्सीन प्रॉडक्ट रिलेटिड रिएक्शन) की शिकायत आई थी। भले ही कमिटी ने वैक्सीन के चलते एक मौत की बात स्वीकार की है, लेकिन अपनी रिपोर्ट में साफतौर पर कहा कि टीके का फायदे कहीं ज्यादा हैं।
कोरोना टीके से देश में पहली मौत की पुष्टि
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