शहडोल/सोनू खान।
कोयला एवं खान परामर्श दात्री समिति की बैठक में सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने एसईसीएल से संबंधित मांगों को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2021 के बीच कोल इंडिया के एसईसीएल उपक्रम की लगभग 25 परियोजनाएं कई वर्षों से स्वीकृत है, परंतु विभिन्न कारणों से इन 25 परियोजनाओं में कुछ परियोजनाएं ही आज दिनांक तक प्रारंभ हो सकी है। परियोजनाओं के प्रारंभ न होने से जहां एक ओर एसईसीएल का उत्पादन समुचित मात्रा में नहीं हो पा रहा है वहीं दूसरी तरफ कोयले से होने वाली आय से भी राष्ट्रीय क्षति हो रही है। इन स्वीकृत परियोजनाओं में मेरे शहडोल संसदीय क्षेत्र में भी लगभग 6 परियोजनाएं संचालित होने वाली है। इन परियोजनाओं के संचालित ना होने से कोयला उत्पादन प्रारंभ ना होने से क्षेत्र के औद्योगिक विकास में काफी तेजी से कमी आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मेरे संसदीय क्षेत्र एवं कोल इंडिया के अंतर्गत स्वीकृत सभी नवीन कोयला खदानों की समस्त प्रक्रियाओं को पूर्ण कराकर क्षेत्रहित, जनहित एवं राष्ट्रीय हित में परियोजनाओं को जल्द से जल्द प्रारंभ कराया जाए। सांसद श्रीमती सिंह ने कहा कि भूमिगत खानों में कोयला पर्याप्त मात्रा में होने के वावजूद, भूमिगत खदानों में कई मिलियन टन कोयला संचित होने के वावजूद ज्यादा ब्यय / लागत के नाम पर कोयला उत्पादन का कार्य छोड़ दिया गया है। हाईवाल माईनिंग/ट्रेन्च माईनिंग से अधिक कैलोरी उर्जा का कोयला कम खर्च मे निकाला जा सकता
है। एस ई सी एल उपक्रम के सोहागपुर क्षेत्र मे हाईवाल माईनिंग तकनीक का अत्यंत सफलता से प्रयोग किया जा रहा है, इसलिए इस तकनीकि का और व्यापक विस्तार होना चाहिये। हसदेव क्षेत्र मे ही लगभग 2 मिलियन टन कोयला इस तकनीक हेतु मिल सकता है। जमुना कोतमा और सोहागपुर मे भी
Advertisements
Advertisements