बांधवभूमि, हुकुम सिंह
नौरोजाबाद। केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण की नीति के तहत लगातार लाभ देने वाले संस्थानों को बेंचे जाने के खिलाफ श्रमिक संगठनों मे गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसी मुद्दे पर भारतीय मजदूर संघ द्वारा गत दिवस स्थानीय कार्यालय मे एक बैठक आयोजित की गई जिसमें आगामी दिनों होने वाले आंदोलन, प्रदर्शनों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। इस मौके पर संघ पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे, शिक्षा विभाग, कोल इंडिया सहित लाभ कमा कर देश मे महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान देने वाले कई संस्थाओं को बेचने की कोशिश मे जुटी हुई है। इससे आने वाले दिनों मे न सिर्फ मजदूरों बल्कि आम जनता को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। सरकार आम नागरिकों की बजाय उद्योगपतियों की जेबें भरने की फिराक मे हैं। लगभग 4 घंटे चली इस बैठक के बाद जानकारी दी गई कि सरकार की लोकविरोधी नीति तथा कोयला खदानों को निजी हाथों मे सौंपे जाने के विरोध मे आगामी 17 नम्बर को श्रमिक संगठनों द्वारा एकजुट हो कर संसद का घेराव किया जाएगा। जिसमे कोल इंडिया के 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हिस्सा लेंगे। बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महामंत्री के आह्वान पर हुई इस बैठक मे एरिया के जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह बघेल सहित बड़ी संख्या मे संघ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कोयला खदानों के निजीकरण के विरोध मे 17 नवंबर को दिल्ली मे होगा प्रदर्शन
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