छात्रावास निर्माण में खेली जा रही शासकीय राशि की होली
शहडोल/सोनू खान। संभागीय मुख्यालय में खण्ड शिक्षा अधिकारी सोहागपुर कार्यालय के सामने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से छात्रावास निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार और विभाग की मिली भगत के चलते छात्रावास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। छात्रावास भवन निर्माण में बरती गई अनियमितता व किए गए भ्रष्टाचार की हद ये है कि कॉलम निर्माण में भ्रष्टाचार का खुला खेल दिखाई दे रहा है, मंगलवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी द्वारा जब उक्त निर्माण स्थल पहुंचे तो, वहां अनियमितता देख दो कॉलम में तोडफ़ोड़ करवा दी।
विभाग का ठेकेदार को संरक्षण
शासन ने छात्रो को शिक्षा की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से संभागीय मुख्यालय में ही करोड़ों रूपये की लागत से छात्रावास भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी और कार्य का जिम्मा पीआईयू विभाग को दिया गया था, विभाग द्वारा जिसका ठेका किसी संजय सिंह नामक व्यक्ति को दिया गया था, विभागीय संरक्षण में ठेकेदार द्वारा पूरे निर्माण कार्य की गुणवत्ता को ही हासिए पर ला कर खड़ा कर दिया। अगर यही हाल रहा तो, निर्माण पूरा होने के बाद कुछ वर्षाे में ही भवन में हुए भ्रष्टाचार के चलते जीर्णशीर्ण हो जायेगा।
लाखों की रेत का भी मामला
संभागीय मुख्यालय में ही छात्रावास भवन की गुणवत्ता हांसिए पर चली गई, सूत्रों की माने तो पूर्व में खनिज विभाग द्वारा यहां अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर कार्यवाही करते हुए यहां रेत रखवाई गई थी, अगर खनिज विभाग उक्त मामले को खंगाले तो पता चलेगा कि उक्त ठेकेदार द्वारा लाखों की रेत हजम कर ली गई है, जिस हिसाब से निर्माण कार्य चल रहा है और उक्त निर्माण में जिस तरह से निर्माण सामग्री का उपयोग हो रहा है, इस स्थिति में भवन कितने दिन टिक पायेगा और क्या इसमें रहकर अपना भविष्य गढऩे का सपना देख रहे छात्रावास सुरक्षित रह पायेगा, इस बात को लेकर अभी से सवाल खड़े किए जाने लगे हैं।
कॉलम में खेला-खेल
छात्रावास निर्माण में दो कॉलम की जांच में गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, अधिकारियों के संरक्षण में निर्माण एजेंसी के जिम्मेदारों द्वारा कॉलम में खुला खेल-खेला गया है, ठेकेदार संजय सिंह को 15 सेमीं में कॉलम में रिंग डालनी चाहिए थी, लेकिन ठेकेदार ने 70 सेमीं में रिंग डालकर कॉलम को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है, खबर है कि अब तक हुए लगभग निर्माण में रेत-गिट्टी और सीमेंट के मिश्रण में बड़ा खेल किया गया है, सबसे बड़ी बात तो यह है कि संभागीय मुख्यालय में हो रहे निर्माण का मूल्यांकन अगर विभाग के अधिकारियों सांठ-गांठ करे बिना किया जाता तो, भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता था।
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