केके बेयर हाऊसिंग के चावल की जांच

एफसीआई के दल ने की सेम्पलिंग, बालाघाट घटना के बाद चेती सरकार


उमरिया। एफसीआई का तकनीकी दल कल गुरूवार को जिले के सबसे बड़े गोदाम केके बेयर हाऊसिंग मे रखे अनाज की जांच करने पहुंचा। दल द्वारा गोदाम मे रखे चावल के अलावा अब तक हुई स्टाकिंग और सप्लाई, उपलब्ध माल की स्थिति, खराब और मध्यम क्वालिटी का प्रतिशत आदि कई पहलुओं का निरीक्षण किया जा रहा है। टीम के एक अधिकारी एसडी बिरवा ने बांधवभूमि से चर्चा करते हुए बताया कि बालाघाट जिले मे सड़ा हुआ चावल राशन की दुकानो मे सप्लाई करने की शिकायत के बाद मप्र सरकार द्वारा प्रदेश के सभी गोदामो की जांच करने के निर्देश दिये हें, इसी के तहत एफसीआई की टेक्निकल टीम कल भरौला स्थित केके बेयरहाऊसिंग की पड़ताल करने पहुंची है। उल्लेखनीय है कि जिले मे धान एवं गेहूं के उपार्जन के बाद समर्थन मूल्य केन्द्र से अनाज गोदामो मे पहुंचता है। जहां धान को मिलिंग के लिये मिलों को भेजा जाता है, फिर वहां चावल पुन: गोदामो मे जमा किया जाता है। खबर मिली है कि अन्य जिलों की तरह केके बेयरहाऊस मे भी लापरवाही के चलते हजारों क्विंटल चावल सड़ गया है। इसमे से बहुत सारा माल राशन दुकानो को भेजा भी जा चुका है।


कंगाल बन गये करोड़पति
सर्वविदित है कि कड़ी मेहनत से खेतों मे फसल उगा कर दुनिया का पेट भरने वाला किसान अपना पूरा जीवन गरीबी और अभाव मे गुजार देता है परंतु उसकी फसल के उपार्जन ने कई लोगों को कंगाल से करोड़पति बना दिया है। सूत्रों के मुताबिक उपार्जन के दौरान पैसे की लेनदेन कर दलालों से खराब माल की खरीदी, तौल मे गड़बड़ी से लेकर सारा खेल किया जाता है। गोलमाल का सिलसिला यहां भी नहीं रूकता। समर्थन मूल्य की दुकानो से बेयरहाऊस और राशन की दुकान तक हर जगह धांधली चलती है।


बेयरहाऊस मे गड़बड़ी की चर्चा
जिले मे बेयरहाऊस और धान मिलरों द्वारा नागरिक आपूर्ति के अधिकारियों के सांथ मिल कर भण्डारण और सप्लाई के खेल मे किया जा रहा फर्जीवाड़ा हमेशा से सुर्खियां बटोरता रहा है। कहने को तो बेयर हाऊस का रोल सरकार द्वारा समर्थन मूल्य मे खरीदे के अनाज को अपने गोदाम मे रखने और वापस करने तक सीमित है, परंतु बात इससे कहीं आगे तक है। बताया जाता है कि गोदामीकरण के लिये माल लाने से लेकर फिर उसे धान से चावल बनाने, वापस लेने और सप्लाई करने तक की प्रक्रिया मे जम कर घालमेल होता है। शिकायत तो यहां तक है कि बेयर हाऊस मे लगे कांटा तक मालिक और भ्रष्ट अधिकारियों के इशारे पर चलता है। इन्ही शिकायतों के चलते जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री ने गत वर्ष बेयर हाऊस का निरीक्षण कर अधिकारियों और गोदाम संचालक को खूब खरी खोटी सुनाई थी। सूत्रों का दावा है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच हो तो करोड़ों रूपया का घोटाला सामने आ सकता है।
मिलों से आये चावल की सेम्पलिंग
मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन भोपाल की 3 सदस्यीय टीम ने केके बेयर हाउस मे रखे तथा विभिन्न मिलों से आये चावल की सेम्पलिंग की गई है। जिसे जांच के लिये भेजा जायेगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी। यह भी जानकारी मिली है कि सप्ताह भर पहले ही भोपाल की एक टीम ने केके बेयर हाउस का निरीक्षण किया था। उक्त जांच मे भी भण्डारण और मिलरों द्वारा किये जा रहे कार्य पर सवाल उठे थे।
मिलिंग मे भी घोटाला
इस कारोबार से जुड़े सूत्रों का दावा है कि धान की मिलिंग मे भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जाती है। इसमे चोरी से लेकर अच्छा चावल रख कर सड़े माल की सप्लाई शामिल है। यह भी बताया गया है कि कुछ मिलर तो आधे से ज्यादा चावल निकाल कर सड़ी हुई कनकी मिला देते हैं।

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