राज्यसभा मे किसान आंदोलन पर सरकार को घेरा, सत्ता पक्ष ने नए कृषि कानूनों का किया बचाव
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र जारी है। राज्यसभा में गुरुवार को विपक्षी दलों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को प्रदर्शन को लेकर सरकार को घेरा। राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में उन्होंने मौजूदा आंदोलन से निपटने के तरीकों पर सवाल उठाए। वहीं भाजपा ने बचाव करते हुए दावा किया कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी बेहतरी के लिए नए कानून लाए गए हैं। इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सत्तारूढ़ भाजपा नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि कृषि सुधारों पर रुख बदलने के लिए विपक्षी दलों पर सवाल उठाए।वरिष्ठ भाजपा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी आय बढ़ाने के लिए पिछले छह वर्षों में कई कदम उठाए हैं। भाजपा नेता ने पिछले साल कहा कि केंद्र ने किसान संगठनों के साथ 11 दौर की चर्चा की है। सिंधिया ने तीनों कानूनों पर रुख बदलने के लिए कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधारों का वादा किया था।
चर्चा में अनेक नेताओं ने रखा अपना पक्ष
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि हम गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव की निंदा करते हैं, लेकिन किसान इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए। विरोध स्थल पर कंक्रीट की दीवारें लगाने के केंद्र के फैसले से कुछ हासिल नहीं होगा। सरकार को मामले में शांति से निपटना चाहिए। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि नोटबंदी से लेकर सीएए ऐसे ब्लंडर हैं, जिन्होंने लोगों को बड़ी चोट दी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से लगभग 50 लाख लोग बेरोजगार हुए और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी। सरकार के वादों और क्रियान्वयन के बीच अंतर बहुत बड़ा है और वह लोगों का दिल नहीं जीत सकी है। भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जब देश कोरोना से जूझ रहा है, तो विपक्ष उंगलियां उठाने में व्यस्त है। पहले उन्होंने लॉकडाउन और फिर अनलॉक फेज पर सवाल उठाया। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन के उपायों की सराहना की। इसके बावजूद पार्टी वैक्सीन पॉलिटिक्स का आरोप लगा रही है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि किसान 76 दिनों से विरोध कर रहे हैं, उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। उन्हें देशद्रोही, आतंकवादी, खालिस्तानी कहा जाता है। लगभग 165 किसानों ने अपनी जान गंवाई। दया कीजिए और तीनों कानूनों को निरस्त कीजिए। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा ने कहा कि सरकार पंजाब और हरियाणा में बिहार के मॉडल को दोहराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार एक लेबर सप्लाई करने वाला राज्य बन गया है, क्योंकि किसान मजदूर बन गए हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के साथ जो व्यवहार किया गया है वह नहीं होना चाहिए था और पानी और बिजली को रोकना अमानवीय था।