किसान बने कृषि विभाग की ढाल

पाली मे न्यायालय भवन खाली कराने की मांग को लेकर वकीलो का धरना जारी
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के बिरसिंहपुर पाली के तहसील परिसर मे बने एक भवन पर कृषि विभाग ने कब्जा कर लिया है जिसे खाली कराने के लिए वकीलों को धरना देना पड़ रहा है। अपर सत्र एवं जिला सत्र न्यायालय के लिए आवंटित इस भवन को खाली कराये जाने की मांग को लेकर स्थानीय अधिवक्ताओं ने पांच दिन पहले अनशन शुरू किया था। वकीलों के अनशन से घबराकर अब कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आगे कर दिया है। आसपास के गांव के करीब पचास किसानों ने नगर मे मोर्चा निकालकर वकीलों के खिलाफ एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा है। इस ज्ञापन मे भवन के लिए किए जा रहे वकीलों के अनशन को गलत बताया गया है।
तहसील परिसर मे है भवन
जो भवन न्यायालय ने अपर सत्र एवं जिला सत्र न्यायालय के लिए आवंटित किया है दरअसल वह न्याय विभाग का ही है और तहसील परिसर मे बना हुआ है। यह भवन कुछ समय के लिए कृषि विभाग को अपना कार्यालय संचालित करने के लिए दिया गया था। उसी भवन को अब वापस मांगा जा रहा है लेकिन कृषि विभाग यह भवन छोडऩे को तैयार नहीं है। जबकि कृषि विभाग को पाली के गिंजरी सहित दो स्थानों पर अलग-अलग भवन दिए जा चुके हैं। वकीलों का कहना है कि तहसील परिसर के जिस भवन पर कृषि विभाग ने कब्जा कर रखा है उसमें कृषि विभाग का कार्यालय भी नहीं लगता है। भवन के अंदर एक टेबल और दो तीन कुर्सियां ही है।
जरूरी है एडीजे कोर्ट
तहसील क्षेत्र पाली और आसपास के किसान, मजदूर तथा पक्षकारों को जिला न्यायालय से संबंधित प्रकरणों की पेशी मे उपस्थित होने उमरिया जाना पड़ता है। जिससे उनके समय और पैसे का नुकसान हो रहा है। सांथ ही न्यायालय प्रारंभ होने मे काफी विलंब हो रहा है। उनकी मांग है कि भवन को जल्द खाली करा कर व्यवहार न्यायालय के सुपुर्द किया जाय ताकि अपर सत्र न्यायालय एवं जिला सत्र न्यायालय जल्द शुरू हो और नागरिकों को परेशानी से निजात मिल सके। इस मौके पर पाली अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आत्माराम अवधिया, राजेश त्रिपाठी, दिलीप विश्वकर्मा, पीके गोस्वामी, ब्रजेश उपाध्याय सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।

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