कलेक्टर के फोन पर मिला इंजेक्शन

कलेक्टर के फोन पर मिला इंजेक्शन
बीएमओ कर रहे थे हीलाहवाली, प्रशासन के मुखिया ने किया हस्ताक्षेप
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। जिले के संवेदनशील कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देश पर आखिरकार मानपुर अस्पताल के बीएमओ द्वारा मरीज को एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवा दिया गया। दरअसल पुष्पेन्द्र कुमार पिता सुरेन्द्र भट्ट निवासी मानपुर को एक कुत्ते ने काट दिया था। जिसका इलाज कराने वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर पहुंचा था। जहां बीएमओ डॉ. बीके प्रसाद ने हमेशा की तरह उपचार की व्यवस्था करने की बजाय अस्पताल मे दवा न होने का रोना रोने लगे। सांथ ही रैबीज का इंजेक्शन बाजार से लाने को कहा। जिससे परेशान हो कर पुष्पेन्द्र ने सीधे कलेक्टर को फोन मिलाया और अपनी व्यथा सुना दी। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये। प्रशासन के मुखिया का कड़ा संदेश मिलते ही अस्पताल के अधिकारियों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। कुछ ही मिनटों मे मरीज को इंजेक्शन भी लगा और इलाज भी हो गया। इस संवेदनशीलता पर जहां मरीज के परिजनो ने राहत की सांस ली है वहीं नागरिकों ने कलेक्टर के प्रति साधुवाद ज्ञापित किया है।
कोरोना के कारण सारा पैसा खर्च
पीडि़त युवक के मुताबिक बीएमओ डॉ. प्रसाद ने उससे बताया कि सारा पैसा और अनुदान कोरोना मे खर्च हो गया, अब सरकार और प्रशासन अस्पतालों को कुछ भी नहीं दे रहा है। सब कुछ बाहर से मंगाना पड़ता है। ताज्जुब की बात तो यह है कि कुछ देर पहले तक जो डॉ. प्रसाद अस्पताल मे इंजेक्शन न होने की बात कह कर मरीज को बहला रहे थे, कलेक्टर का आदेश मिलते ही लाईन पर आ गये। फिर आनन-फानन मे इंजेक्शन भी वहीं उपलब्ध हो गया।
अब सरकार ही करे सच-झूंठ का फैंसला
जहां एक ओर मप्र सरकार जनता को हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधायें मुफ्त मे मुहैया कराने का दावा नहीं करते नहीं थकती वहीं विभाग के डाक्टर खुलेआम अस्पताल मे इंजेक्शन और दवाईयां न होने की बात कह कर नकेवल लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं बल्कि सरकार की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब शासन या तो यह स्वीकार करे कि अस्पतालों मे जीवन रक्षक दवायें और सुविधा नहीं है या फिर झूंठ बोल रहे बीके प्रसाद जैसे डाक्टरों पर सख्त कार्यवाही करे।
डॉ. प्रसाद की मनमानी ले ली कईयों की जान


वास्तव मे लापरवाही और मनमानी डॉ. बीके प्रसाद का शगल बन चुका है। इसकी वजह से ही क्षेत्र के दर्जनो लोगों को अपनी जान से हांथ धोना पड़ा है। बीते मांह इसी तरह सांप काटने के बाद अस्पताल लाई गई ग्राम पंचायत गोवर्दे की एक किशोरी रूचि केवट 12 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर मे एंटीवेनम इंजेक्शन नहीं दिया गया। कई घंटे बाद हालत बिगडऩे पर बच्ची को जिला अस्पताल रिफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

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