एसईसीएल सोहागपुर एरिया की खदानों में कर रही कार्य
शहडोल/सोनू खान। एसईसीएल सोहागपुर एरिया अंतर्गत कार्यरत राधा चेन्नई नाम की कंपनी द्वारा अपने यहां कार्यरत श्रमिको का शोषण कर रही है। श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए कंपनी का संचालन किया जा रहा है। कंपनी के अधिकारियो की कार्यशैली को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी राधा चेन्नई कंपनी अपने वर्करों को गुलाम बना कर रखना चाह रही है । शासन के नियमो व श्रम कानूनों को दरकिनार कर कंपनी कार्य कर रही है । कंपनी के अशिकारियो द्वारा अपनी मर्जी से हर फैसला खुद लिया जाता है चाहे वह कर्मचारियों का वेतन हो, या 8 की जगह 12 घंटे की ड्यूटी,सारे काम कंपनी की मनमर्जी से चलते हैं अगर कोई कर्मचारी वेतन या 12 घंटे की ड्यूटी पर सवाल करता है तो उसे राधा चेन्नई कंपनी द्वारा बाहर का रास्ता दिखाने की धमकी दी जाती है । वही वर्कशॉप में कार्य कर रहे कर्मचारियों का कहना है एच.पी.सी. के तहत जो मानदेय तय किया गया है वह वेतन कर्मचारियों को मिलना चाहिए पर राधा चेन्नई कंपनी द्वारा यह कहा जाता है जो वेतन कंपनी तय करेगी वही वेतन कर्मचारियों को दिया जाएगा अगर कोई ज्यादा सवाल जवाब करेगा तो उसको काम से निकाल दिया जाएगा।
आला अधिकारी है मौन
वही एक ओर देखा जाए तो एस.ई.सी.एल. के सारे अधिकारियों को जानकारी है कि अमलाई ओ.सी.एम. में कार्य कर रही प्राइवेट कंपनी राधा चेन्नई श्रम कानूनों को ताक में रखकर कार्य कर रही है ।जहां मजदूरों को ना ही नियम अनुसार वेतन मिलता है ना ही तय समय सीमा के अंतर्गत कार्य कराया जाता है। कर्मचारियो से 8 की जगह 12- 12 घंटे कार्य लिया जाता है अगर इसका विरोध कोई भी कर्मचारी करे तो उसको काम से निकालने की धमकी दी जाती हैतत्कालीन सब एरिया अमलाई ओ.सी.एम. नियम एवं कायदे के पक्के हैं लेकिन उनकी आंख के नीचे ही राधा चेन्नई कंपनी का भ्रष्टाचार फल फूल रहा है जो कि सब एरिया की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करता है।
महाप्रबंधक ने बन्द की है आंख
राधा चेन्नई कंपनी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार एवं शोषण के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए महाप्रबंधक धृतराष्ट्र बने हुए हैं क्योंकि विवाद की स्थिति होने पर कर्मचारियों की आई.डी. ना होना, एच.पी. सी. के तहत कर्मचारियों का वेतन का भुगतान ना होना, मानवाधिकार के उलट कर्मचारियों से 8 की जगह 12 घंटे काम कर करा कर उनका शोषण करना और कर्मचारियों की सुरक्षा की दृष्टि से भूमिगत खदान में बिना बी. फॉर्म के काम करा कर उनकी जिंदगी को खतरे में डालकर उनके साथ खिलवाड़ करना कहीं ना कहीं महाप्रबंधक के ऊपर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। लेकिन इन सबसे महाप्रबंधक अनजान बन अपनी आंख बंद किए हुए है।
जन प्रतिनिधि का रवैय्या उदासीन
राधा चेन्नई कंपनी में क्षेत्रीय युवाओं द्वारा रोजगार की मांग से लेकर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को व्याप्त भ्रष्टाचार के विषय में समय-समय पर अवगत कराया गया लेकिन कार्यवाही के नाम पर आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है वहीं 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं क्षेत्र के युवाओं का रुख आने वाले समय में क्या रहता है यह भी सोच का विषय है। क्षेत्र के ज्यादातर जनप्रतिनिधि उक्त बाहरी कंपनी के प्रभाव में आकर चुप्पी साध लिए हैं। उन्हें क्षेत्र के बेरोजगारो की समस्या से कोई सरोकार नही रह गया है।
Advertisements
Advertisements