वेतन की लेटलतीफी से परेशान चंदिया मे कर्मचारी, नहीं आया मार्च का बजट
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के नगर परिषद चंदिया मे कर्मचारियों को बीते कई महीनो से लगातार वेतन की लेटलतीफी से दो-चार होना पड़ रहा है। हालत यह है कि दो-दो महीने तक भोपाल से राशि जारी नहीं हो पा रही है, जिससे अमला और उनके परिजन आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक निकाय के अधिकारी व कर्मचारियों को अभी तक मार्च की तनख्वाह नहीं मिल सकी है। वहीं विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि बड़ी मशक्कत के बाद एक-दो दिन पहले ही अप्रेल महीने का वेतन आया है, जिससे मार्च का बकाया निपटाने की तैयारी की जा रही है। जानकारों का दावा है कि नगर पंचायत को प्रति मांह मिलने वाले चुंगी क्षतिपूर्ति के भुगतान मे दिक्कत आ रही है, जिसकी वजह से यह समस्या निर्मित हुई है।
क्या है चुंगी क्षतिपूर्ति
कई वर्ष पूर्व प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों मे जनता से चुंगी कर की वसूली की जाती थी। नगर पालिका के कर्मचारी इस टेक्स की आड़ मे लोगों को काफी परेशान करते थे, जिससे उनमे नाराजगी थी। तत्कालीन सरकार ने जनता के भारी विरोध को देखते हुए चुंगी खत्म करने का निर्णय लिया था। जिससे निकायों हुई आर्थिक क्षति की भरपाई चुंगी क्षतिपूर्ति मद के जरिये की जाती है।
कट रही स्मार्ट सिटी और विकास की किस्त
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि शासन स्तर पर नगर पंचायत चंदिया को दिलाया गया करोड़ों रूपये का कर्ज और ब्याज की वसूली शुरू होने से यह संकट पैदा हुआ है। जानकारी के अनुसार चंदिया को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने तथा मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत विभिन्न निर्माण कार्यो के लिये जो राशि मिली है, वह अनुदान की बजाय सीधा-सीधा लोन है। इतना ही नहीं उक्त लोन की किस्त और ब्याज प्रतिमांह चुंगी क्षतिपूर्ति मद से काटे जाने का करार किया गया है। जिसके कारण नगर पंचायत को पैसों का आवंटन कम हो गया है।
वर्षो तक चलेगी कर्ज की अदायगी
गौरतलब है कि चंदिया को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा का ढोल इस तरह पीटा गया था, मानो नगर पर कोई बड़ी कृपा की जा रही हो। अब पता चल रहा है कि नगर पंचायत को मिला करोड़ों रूपये का कर्ज नगर की जनता को वर्षो तक पटाना पड़ेगा। मिनी स्मार्ट सिटी के लिये आये करोड़ों रूपये भ्रष्ट अधिकारियों के पेट मे चले गये। जो कार्य हुआ भी, वह इतना घटिया है कि कुछ दिनो मे ही मामला जस का तस हो गया। इसे लेकर कलेक्टर से लेकर सीएम तक कई बार शिकायतें हुई, जांच करने अधिकारी भी आये, परंतु कार्यवाही सिर्फ जबानी जमा खर्च तक ही सीमित रही।
चर्चा की जा रही
चुंगी क्षतिपूर्ति से मिलने वाली राशि मे कटौती की जा रही है। इस संबंध मे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा जारी है। जल्दी ही कोई न कोई हल निकल आयेगा।
किशन सिंह ठाकुर
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
चंदिया
कर्ज के जंजाल मे फंसी नगर परिषद
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