शहडोल/सोनू खान। गोहपारू थाना क्षेत्रांतर्गत ३० सितम्बर को मोती नायक उम्र ४५ वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना गोहपारू रिपोर्ट लेकर आया कि जब वह अपने घर में सो रहा था, तभी सुबह करीब ४ बजे उसके छोटे भाई प्रेमा नायक की पत्नी जन्ना नायक घर आकर बताई की सुबह मैं और मेरे पति प्रेमा नायक मवेशियों को लेकर चराने के लिए खेत की तरफ जा रहे थे, जैसे ही गणेश सिंह गोंड के खेत में पहुंचे जहां पर लकड़ी की खूंटी गाड़ कर जीआई तार को बिजली के करंट वाले तार से फंसाकर लगाया गया था, जिसकी चपेट में मेरे पति प्रेमा नायक आ गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई है। तब मैंने अपने बड़े भाई कालू नायक व अपनी पत्नी सोना नायक के साथ जाकर देखा तो मेरे छोटे भाई प्रेम नायक की खेत में लगे जीआई तार में फंसकर बिजली करंट लगने से मृत्यु हो चुकी थी। ऐसा लगता है कि कोई अज्ञात व्यक्ति जंगली जानवर मारने के लिए जीआई तार में बिजली करंट फैलाया था।
सूचना पर मर्ग पंजीबद्ध कर मौके से जांच किया गया, मृतक प्रेमा नायक उम्र ४२ वर्ष के शव का पंचायतनामा कार्यवाही की जाकर पीएम कराया गया, घटना स्थल से ग्राम रामपुर तक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बिजली के खंबे के पास से लल्लू सिंह के खेत के पास प्रवाहित विद्युत धारा के तार में जीआई तार फंसाकर तथा लकड़ी के ४२ डंडे (खूंटी) जमीन में गाड़ कर उसमें जीआई तार को बांधकर विद्युत धारा को प्रवाहित करके जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बिजली का करंट फैलाया गया था, जिसमें फंसकर मृतक प्रेमा नायक की मृत्यु हो गई है तथा डॉक्टर द्वारा शार्ट पीएम रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक करंट से मृत्यु होना लेख किया गया है। मर्ग सदर की जांच से प्रथम दृष्टया धारा ३०४ भादवि का अपराध पाए जाने से अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध ३० सितम्बर को अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में दौरान विवेचना प्रकरण में धारा ३४ भादवि बढ़ाई गई तथा आरोपी ध्यान ङ्क्षसह उम्र ५० वर्ष, ज्ञान सिंह उम्र २५ वर्ष दोनों निवासी खाम्हा थाना गोहपारू, रमेश यादव उम्र २८ साल निवासी बहेरहा एवं सुकलू उर्फ सुखलाल निवासी खाम्हा थाना गोहपारू को गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय पेश किया गया।
संपूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार शुक्ला एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य के मार्गदर्शन में डी. एस. पी. मुख्यालय व्ही.डी. पाण्डेय के नेतृत्व में थाना प्रभारी गोहपारू उप निरीक्षक लवकेश उपाध्याय, अमर बरकड़े, आरक्षक राजवेन्द्र सिंह, निखिल श्रीवास्तव, गुरूदयाल उइके की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही।