भोपाल । शिवराज सरकार ने युवा उद्यमी, स्वरोजगार और कृषक उद्यमी योजना के तहत मिलने वाले बैंक लोन पर फिलहाल रोक लगाने के मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में रोजगार देने को लेकर कुछ नहीं किया। अब युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाली योजनाएं बंद कर दी है।
इस पर सरकार ने सफाई दी है कि योजनाएं बंद नहीं की गई हैं, बल्कि बैंक लोन की प्रक्रिया को फिलहाल रोका गया है, क्योंकि इन योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। हकीकत यह है कि मध्य प्रदेश में हर साल 4 लाख की दर से बेरोजगारी बढ़ रही है। वर्तमान में यह आंकड़ा 30 लाख से ज्यादा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर कहा है कि कोरोना महामारी में पहले ही कई लोगों का रोजगार छिन चुका है। आर्थिक स्थिति भयावह हो चुकी है। ऐसे में इन योजनाओं के बंद होने से बेरोजगारी और बढ़ेगी, युवा हताश होगा। कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को लोन मिलने के साथ- साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। शर्म की बात है कि जो प्रकरण स्वीकृत हो चुके हैं, उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है। सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करें और इन योजनाओं को तत्काल वापस चालू करें। इसको लेकर एमएसएमई विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को अधिक प्रभावी और हितग्राहियों के लिए अधिकतम उपयोगी बनाने की प्रक्रिया आरंभ की है। सरकार की मंशा है कि स्वरोजगार योजनाएं हितग्राहियों के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त करें। यह कार्य शीघ्र ही पूरा होगा।
मध्य प्रदेश में 30 लाख बेरोजगार
मध्य प्रदेश के रोजगार पंजीयन के दफ्तरों में बेरोजगारों की कुल संख्या 32 लाख 57 हजार 136 है। इनमें से मप्र के मूल निवासी 29 लाख 81 हजार हैं। शेष बाहरी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एलान कर चुके है कि सरकारी नौकरी अब मप्र के लोगों को ही मिलेगी। साफ है कि इस फैसले से मप्र के युवाओं को फायदा तो होगा, लेकिन आंकड़ों पर ही भरोसा करें तो सभी बेरोजगारों को नौकरी देने में सरकार को करीब 20 साल से ज्यादा का समय लग जाएगा।
कमलनाथ का आरोप- 15 साल रोजगार के लिए कुछ नहीं किया, अब योजनाएं ही बंद कर दी
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