एडीजीपी ने दिए एसआईटी गठन के आदेश
शहडोल। जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कबाड़ चोरी करने गए 4 युवकों की मौत बंद खदान में जहरीली गैस की चपेट में आने से हो गई है। जिससे उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई है। दरअसल एसईसीएल की बंद पड़ी खदान में कबाड़ चोरी करने के उद्देश्य से 5 युवक खदान में टूटी सुरंग के माध्यम से घुसे थे। 4 युवक सुरंग के भीतर घुस गए थे और उनका एक साथी बाहर से ही रेकी कर रहा था। तकरीबन पौन घंटे तक जब अंदर घुसे चारों युवकों की कोई हलचल बाहर खड़े युवक को नहीं मिली तब युवक ने भाग कर सभी को घटना की जानकारी दी। चारों युवकों का शव पीएम के लिए शहडोल मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। वहीं शहडोल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं इस पूरे मामले में शहडोल जोन के एडीजीपी डीसी सागर ने एसआईटी गठन के आदेश जारी किए हैं। 5 सदस्यीय दल घटना के विभिन्न पहलुओं पर यह दल जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा। शहडोल जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र के बंद पड़ी धनपुरी यूजी माइंस में देर रात कबाड़ चोरी करने गए धनपुरी निवासी राज महतो, हजारी कोल, राहुल कोल, कपिल विश्वकर्मा बंद खदान में जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई है। जबकि बाहर तकवारी कर रहे सिद्धर्ध महतो की जान बच गई, घटना के दौरान सिद्धार्थ मामले की जानकारी परिजनों ब पुलिस को दी , मौके पर पहुंची शहडोल पुलिस व एसईसीएल की रेस्क्यू टीम मौकेबप्र पहुंच कर रेस्क्यू कर चारो शवो को बाहर निकाला, इस घटना में धनपुरी पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एसईसीएल सोहागपुर एरिया की धनपुरी यूजी माइन को 2018 में बंद कर दिया गया था। खदान के भीतर मटेरियल पहुंचाने के लिए कोल साइडिंग के पास लगभग 200 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी। जिसे 2018 में ही कंक्रीट से बंद किया गया था लेकिन कबाड़ चोरों ने इसे अपनी सुविधा के लिए तोड़ लिया था और पिछले कई महीनों से वहां कबाड़ चोरी का काम चल रहा था। घटना स्थल पर मौजूद रहे प्रत्यक्षदर्शी सिद्धार्थ महतो ने बताया कि वह अपने 4 साथियों के साथ उक्त खदान में कबाड़ चोरी करने गया था। उसका मोबाइल, टार्च, सब्बल और आरी लेकर चारों साथी अंदर घुस गए थे। गैस रिसाव के कारण सिद्धार्थ को बेचैनी हुई तो वह बाहर निकल आया। सिद्धार्थ ने बताया कि वह सुरंग से उन्हें देख रहा था और आवाज दे रहा था तभी उसने देखा कि टार्च और मोबाइल गिरकर बंद हो गया और न तो कोई हलचल हो रही है और न ही कोई आवाज आ रही है। इसके बाद वह मौके से भाग खड़ा हुआ।
वहीं इस पूरे मामले में पुलिस, प्रशासन और कॉलरी प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बंद पड़ी खदान का मोहड़ा खोलकर लंबे समय से कबाड़ी कबाड़ की चोरी करते रहे हैं। इस दौरान पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसके नतीजन इस बंद पड़ी खदान में कबाड़ चोरी के दौरान चार लोगों की मौत हो गई। लोगों का आरोप है कि यदि पुलिस और कॉलरी प्रबंधन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण यह घटना हुई है।
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