नई दिल्ली। पिछले 10 माह से कोरोना के कहर से टेंशन में जी रहे भारतीयों को नए साल पर खुशखबरी मिली है। विशेषज्ञों की समिति ने सीरम इंस्टिट्यूट की बनाई जा रही कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड को आपात स्थिति में सशर्त इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश कर दी है। इमर्जेंसी यूज की इजाजत पाने वाली देश की पहली कोरोना वैक्सीन होगी। हालांकि, एक्सपर्ट पैनल की सिफारिश पर आखिरी फैसला ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को करना है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर विशेषज्ञों की समिति ने शुक्रवार को अहम बैठक के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को अनुमति देने का फैसला किया। दरअसल सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है,उसने कोविशील्ड के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है। ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तथा एस्ट्रेजेनेका द्वारा निर्मित टीके को बुधवार को मंजूरी प्रदान की थी। सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने टीके के आपात उपयोग की मंजूरी देने के एसआईआई के आवेदन पर विचार किया था और मामले में शुक्रवार को एक बार फिर समीक्षा की। सीडीएससीओ ने एसआईआई से पहले अतिरिक्त सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी जानकारी मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि सीआईआई के आवेदन के बाद समिति ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के आपात उपयोग की मंजूरी देने की उसकी अर्जी पर विचार करना भी शुरू किया है लेकिन इस मामले में अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
कोविशील्ड की 5 करोड़ खुराक तैयार
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ की करीब 4-5 करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है। कंपनी ने हाल में बताया था कि उसका लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है। कंपनी ने कहा है कि कोविड-19 के टीके का उत्पादन सरकार की ओर से आने वाली कुल मांग पर निर्भर करेगा।
पहले इन लोगों का लगेगा टीका
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टीकाकरण अभियान में सबसे पहले देशभर में 1 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों, 3 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स और 27 करोड़ पचास वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को ये टीका लगाया जाएगा। इसके बाद कोरोना संक्रमण के फैलाव और वैक्सीन की उपलब्धता के अधार पर टीकाकरण किया जाएगा। राज्यों के लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के आंकड़ों के आधार पर 50 वर्ष से ऊपर के लोगों की पहचान की जाएगी। इसके लिए सरकार ने एक डिजिटल प्लेटफार्म कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क भी तैयार किया है। इसके जरिए इन लोगों को ट्रेक किया जाएगा। इस प्लेटफार्म पर हर समय अपडेट होगा कि किस व्यक्ति को टीका लगा है या कौन रह गया है। प्राथमिकता के आधार पर ही टीका लगेगा। मौके पर किसी भी व्यक्ति का पंजीयन नहीं किया जाएगा।