बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल।शहड़ोल जिले के सोहागपुर एसईसीएल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लापरवाही का नतीजा मिनी रत्न कंपनी की धनपुरी ओसीएम खदान से निकाले गए करोङो रुपए के कोयले के भंडार में आग लग गई है। खास बात यह है कि यह आग कई दिनों से लगी हुई है और वर्तमान समय में करोङो कीमती यह कोयला धू-धूकर जल रहा है। इसके बावजूद कॉलरी प्रबंधन का आग बुझाने पर कोई ध्यान नहीं ही. ऐसे में जहां एक तरफ देश में कोयले की किल्लत और बिजली संकट वहीं खदान प्रबंधन की लापरवाही से जलता लाखों का कोयला पूरे मामले पर कई सवाल खड़े कर रहा है। शहड़ोल जिले के सोहागपुर एसईसीएलक्षेत्र में कई ओपन कास्ट व अंडर ग्राउंड कोयला खदाने संचालित है। जहां से कोयला उत्पादन किया जाता है। ऐसा ही धनपुरी ओसीएम( ओपन कास्ट माइंस ) खदान से कोयला उत्पादन कर कोल फील्ड में रखे पहाड़नुमा कोयले के ढेर में भीषण आग लग गई, आग इतनी भयावह है कि पूरे कोयले के ढेर को अपने जड़ में ले लिया है। और करोङो का कोयला धधक रहा है। कालरी प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा कोयले में कई दिनों से लगी आग को बुझाने का कोई प्रयास नही किया गया, जब इस मामले की जानकारी मिडिया को लगी तो मिडिया कव्हरेज के बाद कर्मचारी आनन फानन में बड़े वाहन डोजर व टारेक्स वाहनों से जान जोखिम में डालकर धधकते हुए कोयले को बुझाने का प्रयास किया गया। वही जब इस मामले में मौके पर मौजूद जिम्मेदारों से करोङो के कोयले में लगी आग के सम्बंध में चर्चा की गई तो उन्हने बड़े ही सहजता से यह कहते हुए की ऐसे तो रोज कोयले में आग लगती रही है। की बात कह कर अपनी कमी को छिपाते नजर आए ,एसईसीएल से जुड़े लोगों का कहना है कि एसईसीएल के अधिकारी इस आग पर काबू पाने का प्रयास इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें आग के कारण अनियमितता करने का अवसर मिल जाता है। इससे कोल इंडिया को भारी नुकसान होता है, लेकिन,दूसरी तरफ अधिकारियों को अपना सीआर बेहतर प्रदर्शित करने का अवसर मिल जाता है।वही इस मामले में एसईसीएल सोहागपुर महा प्रबंधक से लगातार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया, तो वही एसईसीएल बिलासपुर सनिश चंद्रा का कहना था की आपके माध्यम से कोयले में आग लगने की जानकरी मिल रही है। कोई फोटो य्या वीडियो हो तो उपलब्ध कराए मैं दिखवाता हु।
शहडोल।शहड़ोल जिले के सोहागपुर एसईसीएल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लापरवाही का नतीजा मिनी रत्न कंपनी की धनपुरी ओसीएम खदान से निकाले गए करोङो रुपए के कोयले के भंडार में आग लग गई है। खास बात यह है कि यह आग कई दिनों से लगी हुई है और वर्तमान समय में करोङो कीमती यह कोयला धू-धूकर जल रहा है। इसके बावजूद कॉलरी प्रबंधन का आग बुझाने पर कोई ध्यान नहीं ही. ऐसे में जहां एक तरफ देश में कोयले की किल्लत और बिजली संकट वहीं खदान प्रबंधन की लापरवाही से जलता लाखों का कोयला पूरे मामले पर कई सवाल खड़े कर रहा है। शहड़ोल जिले के सोहागपुर एसईसीएलक्षेत्र में कई ओपन कास्ट व अंडर ग्राउंड कोयला खदाने संचालित है। जहां से कोयला उत्पादन किया जाता है। ऐसा ही धनपुरी ओसीएम( ओपन कास्ट माइंस ) खदान से कोयला उत्पादन कर कोल फील्ड में रखे पहाड़नुमा कोयले के ढेर में भीषण आग लग गई, आग इतनी भयावह है कि पूरे कोयले के ढेर को अपने जड़ में ले लिया है। और करोङो का कोयला धधक रहा है। कालरी प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा कोयले में कई दिनों से लगी आग को बुझाने का कोई प्रयास नही किया गया, जब इस मामले की जानकारी मिडिया को लगी तो मिडिया कव्हरेज के बाद कर्मचारी आनन फानन में बड़े वाहन डोजर व टारेक्स वाहनों से जान जोखिम में डालकर धधकते हुए कोयले को बुझाने का प्रयास किया गया। वही जब इस मामले में मौके पर मौजूद जिम्मेदारों से करोङो के कोयले में लगी आग के सम्बंध में चर्चा की गई तो उन्हने बड़े ही सहजता से यह कहते हुए की ऐसे तो रोज कोयले में आग लगती रही है। की बात कह कर अपनी कमी को छिपाते नजर आए ,एसईसीएल से जुड़े लोगों का कहना है कि एसईसीएल के अधिकारी इस आग पर काबू पाने का प्रयास इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें आग के कारण अनियमितता करने का अवसर मिल जाता है। इससे कोल इंडिया को भारी नुकसान होता है, लेकिन,दूसरी तरफ अधिकारियों को अपना सीआर बेहतर प्रदर्शित करने का अवसर मिल जाता है।वही इस मामले में एसईसीएल सोहागपुर महा प्रबंधक से लगातार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया, तो वही एसईसीएल बिलासपुर सनिश चंद्रा का कहना था की आपके माध्यम से कोयले में आग लगने की जानकरी मिल रही है। कोई फोटो य्या वीडियो हो तो उपलब्ध कराए मैं दिखवाता हु।
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