नई दिल्ली। देश में न्यायालयों में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में कुल १५३ जजों की नियुक्ति की गई है। सूत्रों ने आने वाले दिनों में और नियुक्तियों के संकेत दिए हैं। वहीं, चीफ जस्टिस यूयू ललित का कार्काल ८ नवंबर को समाप्त हो रहा है। अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा। आज सुबह यह खबर भी आई कि सरकार ने उनसे नाम भी पूछे हैं। आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार को छह अतिरिक्त जजों की नियुक्ति की गई। यह पता चला है कि सरकार जल्द ही बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन करने पर भी विचार करने के लिए तैयार है। यदि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट की कार्य क्षमता ३० जजों की हो जाएगी। अभी भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित शीर्ष अदालत के लिए स्वीकृत पद ३४ हैं। सरकार अगले चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू करने के लिए तैयार है। संभवत: इस सप्ताह या अगले सप्ताह की शुरूआत में इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। अभी तक जो प्रक्रिया चली आ रही है उसके मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री सीजेआई को अपने उत्तराधिकारी का नाम बताने के लिए एक पत्र लिखते हैं। आपको बता दें कि न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ८ नवंबर को सीजेआई के रूप में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यूयू ललित के बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भारत के चीफ जस्टिस बनने वाले सबसे वरिष्ठ जज हैं। प्रथा के अनुसार, सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश का नाम सरकार को बताते हैं। अगर इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है तो न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ५०वें सीजेआई बनेंगे।
इस साल अब तक हुई हाईकोर्ट के 153 जजों की नियुक्ति
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