नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन अपने पहले ह्यूमन स्पेस-फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ के तहत साल के आखिरी में दो आरंभिक मिशन भेजेगा। इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा और दूसरे मिशन में ‘व्योममित्र’ नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी। इन आरंभिक मिशनों का मकसद यह सुनिश्चत करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे। मंत्री ने बताया कि इसके बाद अगले साल २०२४ में इंडियन एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाएंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही। जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वैसे तो भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में राकेश शर्मा इससे पहले अंतरिक्ष जा चुके हैं, लेकिन वह मिशन सोवियत रूस का था, जबकि गगनयान मिशन हिन्दुस्तानी होगा और इसे बनाने वाले भी हिन्दुस्तानी होंगे। उन्होंने कहा कि गगनयान प्रोग्राम के तहत इसे आजादी के ७५वें वर्ष में भेजने की कल्पना की गई थी, लेकिन कोविड में काफी कुछ अस्त व्यस्त हो गया। कई कार्यक्रम २-३ साल पीछे चले गए। हमारे अंतरिक्ष विज्ञानियों का रूस में प्रशिक्षण चल रहा था, उसे भी बीच में रोकना पड़ा था।
इसरो का गगनयान मिशन अगले साल होगा लॉन्च
Advertisements
Advertisements