वनवासी कहने पर भड़के राहुल, कहा-देश से माफी मांगे भाजपा
खंडवा। मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दूसरे दिन २३ किलोमीटर चली। इस दौरान पहली बार यात्रा में प्रियंका गांधी शामिल हुईं। उनके साथ पति रॉबर्ट वाड्रा और बेटा रेहान भी पैदल चले। दूसरे दिन का आखिरी पड़ाव खंडवा का छैगांव माखन रहा। इससे पहले राहुल गांधी आदिवासी जननायक टंट्या मामा की जन्मस्थली पर पहुंचे। राहुल गांधी ने यहां एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी इस देश के असली मालिक हैं। बीजेपी ने आदिवासियों को वनवासी कहा, इसके पीछे उनकी दूसरी सोच है। इसके लिए बीजेपी आदिवासियों से माफी मांगे। राहुल गांधी ने कहा कि अंग्रेजों ने टंट्या मामा को फांसी पर चढ़ाया और आरएसएस की विचारधारा ने अंग्रेजों की मदद की। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार मध्यप्रदेश में हो रहे हैं। ऐसा प्रदेश हमें नहीं चाहिए, हमें आदिवासियों को इज्जत और रक्षा देने वाला प्रदेश चाहिए। इससे पहले गुरूवार को यात्रा की शुरूआत सुबह खंडवा के बोरगांव बुजुर्ग से शुरू हुई। लंच ब्रेक रूस्तमपुर में हुआ। यहां से राहुल गांधी कार से टंट्या मामा की जन्मस्थली बड़ोदा अहीर पहुंचे। यहां सभा को संबोधित करने के बाद दूसरे चरण की यात्रा डूल्हार फाटा के गुरूद्वारा साहिब से शुरू हुई। यात्रा का रात्रि विश्राम खरगोन जिले के खेरदा में है। शुक्रवार को यहीं से यात्रा आगे बढ़ेगी। लंच ब्रेक के पहले सचिन पायलट भी राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल हुए। हालांकि लंच ब्रेक के बाद पायलट नहीं दिखे। प्रियंका गांधी ३ दिन तक भारत जोड़ो यात्रा में हैं। वे अंबेडकर नगर महू तक यात्रा में रहेगी। महू में २६ नवंबर को सभा होनी है।
एक सोच और एक विचारधारा थे टंट्या मामा
जैसा कि कमलनाथ जी ने कहा-हमारे लिए टंट्या मामा एक चिन्ह हैं। एक सोच हैं। एक व्यक्ति जरूर थे। एक विचारधारा भी हैं। उनकी सोच और विचारधारा के कारण मैं आज यहां आया हूं। आदिवासी का मतलब जो हिंदुस्तान में सबसे पहले रहते थे। मतलब- जब इस देश में कोई नहीं था, तब भी आप लोग इस देश में रहते थे। अगर आप आदिवासी हो, अगर आप यहां सबसे पहले रहते थे, तो यह हक बनता है कि आप इस देश के मालिक हैं।
आदिवासी, संघर्ष, निडरता और क्रांतिकारी शब्द
ये जो शब्द होते हैं, बहुत चीजें छुपा और दिखा भी सकते हैं। टंट्या मामा के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले कौन सा शब्द आता है। आदिवासी, संघर्ष, निडरता, क्रांतिकारी ये शब्द आते हैं। जब वो अंग्रेजों के सामने फांसी पर चढ़ रहे थे, तो आपको क्या लगता है, डर था या नहीं। सवाल ही नहीं उठता। कुछ दिन पहले मोदी का भाषण सुना। उसमें उन्होंने एक नया शब्द यूज किया- वनवासी। इस शब्द के पीछे उनकी दूसरी सोच है। आदिवासी के पीछे सोच है कि इस देश के पहले मालिक आप हो। इसका मतलब-आपकी जमीन, जंगल और जल पर आपका हक होना चाहिए। मगर वहां रुकना नहीं है। आप असली मालिक हो तो आपको और आपके बच्चों को अधिकार मिलना चाहिए। अगर आपका बच्चा इंजीनियर बनने का सपना देखे तो सरकार को पूरी मदद करनी चाहिए।
हमारी सरकार आने पर आपको आपके हक देंगे
माफी मांगने के बाद जो ये आपसे जंगल छीनते है, जो पेसा कानून लाए, जमीन अधिग्रहण बिल लाए, फॉरेस्ट राइट एक्ट लाए, इन तीन कानूनों को जो कमजोर करते हैं और आपकी जो जमीन है, आपसे छीनते हैं, आपका जल है, जंगल है, वो आपको वापस देने का काम करें। और अगर ये नहीं करेंगे तो जैसे ही हमारी यहां सरकार आएगी। हम आदिवासी शब्द का प्रयोग करेंगे और जो आपके हक हैं, एक के बाद एक हम आपको देना शुरू कर देंगे। आपके जल, जंगल और जमीन का अधिकार आपको वापस देने का काम शुरू करेंगे। आप जानते हो कि आदिवासियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार मध्यप्रदेश में हो रहा है। आदिवासी जानता है कि अगर किसी प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार होता है तो वह मध्यप्रदेश है। इसका नाम मध्यप्रदेश है। ऐसा प्रदेश हमें नहीं चाहिए, हमें आदिवासियों को इज्जत और रक्षा देने वाला प्रदेश चाहिए। और ये जो वनवासी शब्द है। इसका प्रदेश हमें नहीं चाहिए। आप लोग यहां आए और प्यार से मेरी बात को सुना। इसके लिए धन्यवाद।
राहुल ने खुद जताई थी इच्छा:कमलनाथ
मंच पर कमलनाथ भी मौजूद रहे। उन्होंने भी सभा को संबोधित किया। कमलनाथ ने कहा कि जब भारत जोड़ो यात्रा का कार्यक्रम बन रहा था, तब राहुल गांधी ने कहा था कि मैं टंट्या मामा की जन्मस्थली पर जरूर जाऊंगा। ये केवल उनकी इच्छी नहीं थी, बल्कि उनका निर्देश था। सबसे खास बात ये रही कि जयस के अध्यक्ष और कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हीरालाल अलावा भी मंच पर मौजूद रहे। इससे पहले मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे दिन पहले चरण में राहुल गांधी १४ किलोमीटर से ज्यादा चले। राजस्थान के नेता भी राहुल के साथ चल रहे हैं। गुरुवार को यात्रा का आखिरी पड़ाव छैगांव माखन रहेगा। रात्रि विश्राम खरगोन जिले के खेरदा में होगा। गुरूवार को राहुल के साथ मध्यप्रदेश कांग्रेस के तमाम नेता और उनकी बहन प्रियंका गांधी भी यात्रा में शामिल रही। गुरुवार को यात्रा का ७८वां दिन है। प्रियंका पहली बार यात्रा में शामिल हुई हैं। उनके साथ रॉबर्ट वाड्रा और बेटे रेहान वाड्रा भी हैं। कन्हैया कुमार भी यात्रा में साथ हैं। इससे पहले सोनिया गांधी १ दिन के लिए यात्रा में शामिल हुई थीं। गुरूवार को यात्रा खंडवा के बोरगांव बुजुर्ग से शुरू हुई। यात्रा १२ दिन में ६ जिलों को नापती हुई ४ दिसंबर को राजस्थान में एंट्री करेगी। राहुल गांधी कल यानी शुक्रवार, २५ नवंबर को शाम ६:३० बजे ओंकारेश्वर में मां नर्मदा की आरती, ओंकारेश्वर के दर्शन और आराधना करेंगे।
आदिवासी देश के असली मालिक
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