दान, पुण्य आवभगत से मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
बांधवभूमि, उमरिया। आज पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो जाएगा और 25 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के साथ संपन्न होंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक इस माहलय व्रत के प्रधान देवता भगवान विष्णु एवं प्रतिनिधि देवता भगवान सूर्य माने गए हैं। पितृ संज्ञक सूर्य इस व्रत के आरंभ से ही अपनी सौराशि सिंह मे रहेंगे। इससे इस बार के पितरों का आगमन एवं गमन दोनों शुभकारी हैं। इस दौरान गौ, श्वान को भोजन, मछलियों को दाना और चीटियों को मिष्ठान खिलाने से भी पुरखे तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं। तिथियों पर चीटी को मिष्ठान, गौ दान, शैय्या दान, अन्न दान, व दान के साथ पंचपात्रों का दान करने से पुण्य के साथ पूर्वज प्रसन्न होते हैं। इस व्रत को करने के लिए व्रती को पूर्व से ही श्राद्ध तिथि ज्ञात कर लेना चाहिए। तिथि का अभिप्राय उस दिन से होता है, जिस दिन उन पितरों का दाह संस्कार किया जाता है। उस तिथि को प्रात: ब्रह्म मुहुर्त मे व्रत का संकल्प लेकर पितरों का आह्वन करना चाहिए। तत्पश्चात सरोवर आदि मे उनके निमित्त तर्पण करना चाहिए।
आज से शुरू होगा श्राद्ध पक्ष
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