घट रही है रोगियों की संख्या, पिछले साल दो-इस वर्ष मिला एक मात्र संक्रमित
दुनिया भर मे तहलका मचाने वाली घातक महामारी एड्स आज भी लाइलाज है। एक बार इसके चंगुल मे आया व्यक्ति नकेवल जीवन के बचे हुए दिन गिनने लगता है, बल्कि उससे नये रोगियों के पनपने की आशंका भी बनी रहती है। असुरक्षित यौन संबंधों से फैलने वाले इस रोग का कोई सटीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। इसलिये सिर्फ सतर्कता ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है। जिले मे 122 एचआईवी पॉजिटिव चिन्हित किये गये हैं। जिले के एड्स नियंत्रण विभाग के प्रभारी डॉ. मुकुल तिवारी ने बताया कि वर्ष 2021-22 मे दो नये मरीज पाये गये थे, परंतु इस बार मात्र एक ही रोगी मिला है। हलांकि जानकार इस संख्या से इत्तफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि कई मरीज, लक्षण होने के बावजूद बदनामी और डर के कारण एड्स की जांच नहीं कराते, जिसकी वजह से रोगियों की सही स्थिति सामने नहीं आ पाती।
बांधवभूमि, उमरिया
चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक एड्स अब तक की सबसे अधिक खतरनाक और संक्रामक बीमारियों मे से एक है। एड्स का फुल फार्म (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिण्ड्रोम) है। एक्वायर्ड का मतलब है कि आप इसे संक्रमित हो सकते हैं। इम्यून डेफिसिएंसी का मतलब यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को निर्दिष्ट करता है। सिंड्रोम का मतलब यह एक समूह के लक्षण है, जो एक बीमारी बनाते हैं। एड्स मानव प्रतिरक्षा प्रणाली का एक रोग है, जो ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस एचआईवी संक्रमण के कारण होता है। इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण इनफ्लुएंजा जैसी बीमारी की संक्षिप्त अवधि हो सकती है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जो बिना किसी लक्षण के लंबे समय तक बढ़ सकती है। जैसे-जैसे संक्रमण बड़ता है, यह प्रतिरक्षा प्रणाली के सांथ अधिक से अधिक हस्तक्षेप करता है और संक्रमित व्यक्ति को बहुत कमजोर बनाता है।
संक्रमण का पहला चरण
एक्यूट एचआईवी इनफेक्शन यह एचआईवी संक्रमण का पहला चरण है। आमतौर पर इसके लक्षण संक्रमण के तुरंत बाद प्रकट नहीं होते, इसीलिए जब लोग एचआईवी से संक्रमित होते हैं तो वह तुरंत कुछ नहीं जान पाते। शुरुआती लक्षण दिखने मे लगभग 2 से 4 सप्ताह लगते हैं। यह चरण तब शुरू होता है जब एचआईवी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह चरण को प्राथमिक एचआईवी संक्रमण या क्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम भी कहा जाता है। फ्लू जैसी बीमारी इस चरण मे एक मुख्य लक्षण है।
हार जाती है प्रतिरक्षा प्रणाली
एचआईवी संक्रमण के दूसरे चरण मे प्रतिरक्षा प्रणाली एचआईवी के साथ लड़ाई हार जाती है और फ्लू जैसे लक्षण गायब हो जाते हैं। अन्य लक्षण दिखने मे महीनों या साल लग सकते हैं। इस अवस्था में शरीर मे वायरस बढऩे लगता है, जो धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। मरीज बीमार दिखता है या महसूस नहीं कर सकता है। इसलिए संभावना है कि वह दूसरों को एचआईवी पास कर सकता है, अत: एचआईवी के लिए शुरुआती परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।
इस तरह फैलती है बीमारी
एडवांस इंफेक्शन एचआईवी संक्रमण का तीसरा और उन्नत चरण है, जिसमे मरीज का सीडी-4 टी सेल की संख्या 200 से नीचे चली जाती है और प्रतिरक्षा बहुत ही कम हो जाती है। एचआईवी संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित संभोग करने, रक्त आधान द्वारा मां से बच्चे ( जन्म के समय) तक स्तनपान द्वारा भी फैल सकता है। ओरल सेक्स के तथा कुछ मामलो मे यह गहरी चुंबन द्वारा भी संभव हो सकता है। हाईपोर्डमिक सुईर्यों के उपयोग व एक संक्रमित दाता के प्राप्त अंगदान के जरिये संक्रमण की संभावना बनी रहती है।
15 दिन तक चलेगा जागरूकता अभियान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा ने बताया कि आज 1 दिंसबर से 15 दिसंबर तक विश्व एड्स दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान 360 डिग्री सघन अभियान संचालित किया जाएगा। जिसमे कोविड 19 एवं एचआईवी, एड्स जागरूकता हेतु रैली, परिचर्चा, पोस्टर प्रतियोगिता, रक्तदान जैसी गतिविधियां शामिल हैं। 1 दिसंबर को प्रात: 8 बजे जिला चिकित्सालय से प्रभात फेरी निकाली जाएगी, जो जय स्तंभ चौक से होते हुए गांधी चौक पहुंचेगी। उन्होने बताया कि प्रात: 9 बजे रक्तदान कार्यक्रम आयोजित है, जिसमे स्वैच्छिक रक्तदान किया जा सकता है।