अवसंरचना योजना पीएम गतिशक्ति से मिलेगी नई दिशा : पीएम मोदी

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में तेजी से ढांचागत विकास सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र को राष्ट्रीय गैस ग्रिड में शामिल करने के भारत सरकार के उद्देश्य के साथ पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आज गुवाहाटी में पीएम गतिशक्ति (पीएमजीएस) के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना और बुनियादी ढांचे के विकास को गति देना तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक गैस को अपनाने में तेजी लाना है। इस सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, असम सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, सार्वजनिक उद्यम, परिवहन, कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता, एक्ट ईस्ट नीतियां, कल्याण अल्पसंख्यक मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी, त्रिपुरा सरकार के एफसीएस एवं सीए, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मनोज कांति देब, नगालैंड सरकार के मृदा और जल संरक्षण मंत्री वी. काशीहो संगतम, सिक्किम सरकार के शिक्षा, कानून, विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री, भू-राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, खेल एवं युवा मामले के मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा ने भाग लिया। केंद्र सरकार के बुनियादी ढांचा से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों, पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन की शुरुआत से पहले, गणमान्य व्यक्तियों ने गति शक्ति के दृष्टिकोण और केंद्रीय बजट 2022 के साथ इसके सम्मिलन पर आयोजित वेबिनार में भाग लिया, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट ने 21वीं सदी में भारत के विकास की गति (गतिशक्ति) निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि ‘अवसंरचना आधारित विकास’ की इस दिशा से हमारी अर्थव्यवस्था की ताकत में असाधारण वृद्धि होगी, जिससे रोजगार की कई नई संभावनाएं पैदा होंगी। प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं को पूरा करने के पारंपरिक तरीकों में हितधारकों के बीच समन्वय की कमी को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसा विभिन्न संबंधित विभागों के बीच स्पष्ट जानकारी के अभाव की वजह से था। उन्होंने कहा, “पीएम गतिशक्ति के कारण अब हर कोई पूरी जानकारी के साथ अपनी योजना बना सकेगा। इससे देश के संसाधनों का अधिकतम उपयोग भी होगा।

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