चार शव मिले, पांचवें की तलाश जारी
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिलिट्री हेलिकॉप्टर ‘रुद्र’ शुक्रवार को क्रैश हो गया। हादसा टूटिंग हेडक्वार्टर से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास हुआ है। जहां ये हादसा हुआ है वो एरिया सड़क मार्ग से कनेक्टेड नहीं है। भारतीय सेना के मुताबिक दोपहर तक हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए लोगों में से 4 के शव मिल गए थे। पांचवें की तलाश जारी है। रुद्र सेना का अटैक हेलिकॉप्टर है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( HAL) ने भारतीय सेना के लिए बनाया है। यह हल्के ध्रुव हेलिकाप्टर का वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (WSI) Mk-IV संस्करण है। 5 अक्टूबर को तवांग में चीता हेलिकॉप्टर हुआ था क्रैश 5 अक्टूबर यानी दो हफ्ते पहले ही अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में आर्मी का एक चीता हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ था। हेलिकॉप्टर में दो पायलट सवार थे। हादसे के बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
2 अक्टूबर को गोवा में नौसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त
12 अक्टूबर को भारतीय नौसेना का मिग 29के लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था। नौसेना ने इसकी जानकारी दी थी कि विमान के पायलट सुरक्षित थे और हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ था। नौसेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया था कि गोवा से समुद्र के ऊपर नियमित उड़ान भर रहे MiG 29K में वापसी के दौरान तकनीकी खराबी आ गई।
12 अक्टूबर को भारतीय नौसेना का मिग 29के लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था। नौसेना ने इसकी जानकारी दी थी कि विमान के पायलट सुरक्षित थे और हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ था। नौसेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया था कि गोवा से समुद्र के ऊपर नियमित उड़ान भर रहे MiG 29K में वापसी के दौरान तकनीकी खराबी आ गई।
फरवरी में भी सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था
इससे पहले फरवरी में तेलंगाना के नलगोंडा जिले में सेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उस हादसे में दो पायलट शहीद हो गए थे। वहीं चीता और चेतक जैसे हल्के हेलीकॉप्टर, जिसे भारतीय सेना के जवान इस्तेमाल करते हैं, जो काफी पुराने हो चुके है। इनके स्थान पर दूसरे हाईटेक हेलीकॉप्टर को लाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
इससे पहले फरवरी में तेलंगाना के नलगोंडा जिले में सेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उस हादसे में दो पायलट शहीद हो गए थे। वहीं चीता और चेतक जैसे हल्के हेलीकॉप्टर, जिसे भारतीय सेना के जवान इस्तेमाल करते हैं, जो काफी पुराने हो चुके है। इनके स्थान पर दूसरे हाईटेक हेलीकॉप्टर को लाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
Advertisements
Advertisements