पीएम मोदी बोले-एक समय था जब श्रीराम के अस्तित्व पर जाते थे सवाल उठाए
अयोध्या। अद्भुत, अलौकिक, दिव्य…और कभी न भूलने वाला दृश्य। अयोध्या में दिवाली पर पहली बार 15 लाख 76 हजार दीपों को जलाने का रिकॉर्ड बना। पीएम नरेंद्र मोदी खुद इसके साक्षी बने। वो करीब 4 घंटे तक यहां रहे। अयोध्या पहुंचे पीएम ने सबसे पहले रामलला के दर्शन किए। आरती उतारी। परिक्रमा किया। वहां सबसे पहले दीप जलाकर दीपोत्सव का शुभारंभ किया।इसके बाद पीएम रामकथा पार्क पहुंचे। वहां राम का तिलक लगाकर राज्याभिषेक किया। यहां से पीएम सरयू किनारे राम की पैड़ी पहुंचे। सरयू पूजा करके आरती में शामिल हुए। फिर 26 मिनट तक लेजर शो के माध्यम से रामयण कथा का मंचन देखा। डिजिटल आतिशबाजी का नजारा भी देखा।प्रधानमंत्री ने 15-20 मिनट के दो भाषण भी अयोध्या में दिए। पहला, रामकथा पार्क में। दूसरा, सरयू किनारे। इसमें उन्होंने मयार्दा पुरुषोत्तम राम पर अपनी बात रखी। कहा-एक वक्त था जब श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे देश के धार्मिक स्थलों का विकास पीछे छूट गया। पिछले आठ साल में हमने धार्मिक स्थानों के विकास के काम को आगे रखा है।पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम से की। समापन सियावर रामचंद्र की जय से किया। उन्होंने कहा, ‘’राम के दर्शन और राज्याभिषेक भगवान राम की कृपा से मिलता है। जब राम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श और मूल्य और भी दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका दिखाया पथ और प्रदीप्त हो उठता है। अयोध्या के तो रज-रज में कण-कण में उनका दर्शन समाहित है। आज अयोध्या की रामलीलाओं के माध्यम से, सरयू आरती के माध्यम से, दीपोत्सव के माध्यम से और रामायण पर शोध और अनुसंधान के माध्यम से ये दर्शन पूरे संसार में प्रसारित हो रहा है।’
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