अब वायुसेना प्रमुख भी बन सकेंगे सीडीएस

एयरफोर्स रेग्यूलेशंस मे बदलाव, रिटायर्ड एयरफोर्स चीफ धनोआ का नाम भी रेस मे
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स रेग्यूलेशंस १९६४ में संशोधन किया है। इसके अनुसार अब वायुसेना में काम कर रहे या रिटायर हो चुके एयर मार्शल, एयर चीफ मार्शल को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ  बनाया जा सकता है। हालांकि इसमें एक प्रमुख शर्त रखी गई है कि जिस व्यक्ति को सीडीएस बनाया जाएगा, उसकी उम्र ६२ साल से ज्यादा न हो। इसे अब एयरफोर्स (संशोधन) रेग्युलेशन २०२२ के नाम से जाना जाएगा। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से सीडीएस का पद खाली है। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में रावत, उनकी पत्नी समेत १३ लोगों की मौत हो गई थी। सीडीएस के पद को भरने के लिए सरकार ने प्रोसेस शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अगले हफ्ते तक नए सीडीएस के नाम की घोषणा कर सकती है। पूर्व एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ का नाम इस रेस में आगे चल रहा है। बीएस धनोआ भारतीय वायु सेना के २५वें सेनाध्यक्ष थे।
कब हुई सीडीएस पद की स्थापना
१९९९ में कारगिल युद्ध के बाद सरकार को कई समितियों ने इस पद के लिए सुझाव दिया था। इसके बाद भारत सरकार लगातार सीडीएस पद पर विचार कर रही थी। १५ अगस्त २०१९ को लालकिले से पीएम मोदी ने इस पद की घोषणा की थी और कहा था कि इससे तीनों सेनाओं को शीर्ष स्तर पर बढि़या नेतृत्व मिलेगा। जनवरी २०२० में भारत सरकार ने जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस नियुक्त किया। उनका काम था कि तीनों सेनाओं के तालमेल बनाना ताकि देश की सैन्य शक्ति को बढ़ावा मिल सके। सीडीएस को तीनों प्रमुखों को निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है।

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