अब गांव की दुकानो पर भी कर
कई ग्राम पंचायतों ने शुरू की कार्यवाही, स्कूल, गुमटी, ठेले भी होगे शामिल
उमरिया। अब गावों मे छोटी-मोटी दुकानदारी कर जीवन यापन करने वालों को भी टेक्स चुकाना होगा। यह टेक्स उक्त दुकानो की आय के आधार पर तय किया जायेगा, जो कि वार्षिक या सामान्य किस्तों मे एडवांस देय होगा। जिले की कई पंचायतों द्वारा इस पर अमल शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने समस्त ग्राम पंचायतों को इसका अनुसरण कर व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है। हाल ही मे करकेली जनपद की लोढ़ा ग्राम पंचायत द्वारा अपने क्षेत्राांतर्गत संचालित किराना, चाय-नाश्ता, आटा चक्की, पोल्टी फार्म, मेन्सवेयर, साईकिल रिपेयरिंग, बीज भण्डार, कपड़ा, मोबाईल, टेलर, टायर पंचर, स्कूल और मोबाईल टावर आदि व्यवसायिक गतिविधियों मे शामिल 67 संस्थानो को इस दायरे मे शामिल करते हुए वृत्ति कर निर्धारित कर दिया गया है।
ये हैं कर दरें
ग्राम पंचायत ने व्यवसायिक संस्थानो की वार्षिक आमदनी के आधार पर वृत्ति कर तय किया है। मसलन 70 हजार वार्षिक आमदनी पर 700 रूपये, 30 हजार पर 300, डेढ़ लाख पर 1400, 90 हजार पर 900 रूपये वार्षिक वृत्ति कर तय किया गया है। कार्यवाही के तहत निर्धारित किये गये कर को लेकर सूचना प्रकाशन से पूर्व आपत्तियां भी आमंत्रित की गई थी। पंचायत द्वारा 1 अप्रेल 2020 से प्रारंभ हो कर आगामी 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिये कर अधिरोपित किया गया है।
दुकानदारों की बढ़ी परेशानी
जिले की ग्राम पंचायतों द्वारा लागू की जा रही इस व्यवस्था से दुकानदार परेशानी महसूस कर रहे हैं। कई दुकानदारों ने बताया कि कोरोना काल के बाद से ही व्यापार मे भारी मंदी आ गई है। लोगों के पास नगदी है ही नहीं, लिहाजा किसी तरह उधारी देकर वे अपना कारोबार चला रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि मंहगाई का असर कारोबार पर ज्यादा पड़ा है। दो साल पहले तक वे अपने दुकान मे 2 लाख रूपये मे पर्याप्त माल की स्टाकिंग आसानी से कर लेते थे, अब उतने ही माल के लिये 5 से 7 लाख रूपये जुटाने पड़ रहे हैं। जिसके लिये पैसा ब्याज पर उठाना पड़ रहा है। ऐसे मे बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चल रहा है। इस समस्या से फुटकर कारोबारी जूझ रही रहे थे कि ग्राम पंचायतों ने वृत्ति कर ठोकना शुरू कर दिया है।
मनमाने निर्धारण से भी नाखुश
ग्रामीण अंचलों के कारोबारी कर निर्धारण से भी नाखुश हैं। उनका आरोप है कि ग्राम पंचायतों द्वारा अपने मन से उनकी आमदनी तय कर दी गई है। दुकानदारों के मुताबिक इन दिनो व्यापार घाटे का सौदा हो गया है। उनके लिये दुकान का किराया और बिजली का बिल तक निकालना मुश्किल पड़ रहा है। ऐसे मे आमदनी का तो सवाल ही नहीं उठता। उनका यह भी कहना है कि आम आदमी भी आखिर कितने प्रकार की टेक्स दे। सरकार कदम-कदम पर टेक्स तो ले रही है, पर सुविधा के नाम पर जनता को कुछ भी नहीं मिल रहा है।
सभी पंचायतें वसूलेंगी टेक्स
जिस तरह नगरीय क्षेत्र मे संपत्ति कर लिया जाता है। उसी प्रकार से मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम मे ग्राम पंचायतों की सीमा मे होने वाली व्यवसायिक गतिविधियों पर वृत्तिकर का प्रावधान है। अब तक यह नहीं किया गया, जो गलत है। सभी ग्राम पंचायतों को वृत्ति कर वसूलने का निर्देश दिया गया है। इस राशि से पंचायतों मे विकास के कार्य कराये जा सकेंगे।
अंशुल गुप्ता
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत, उमरिया
अब गांव की दुकानो पर भी कर
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