न्यूज डेस्क, बांधवभूमि, नई दिल्ली
अक्तूबर में खुदरा महंगाई के मामले में बड़ा झटका लगा है। खाने-पीने की चीजों की बढ़ी कीमतों की वजह से पिछले माह खुदरा महंगाई बढ़कर 7.61 फीसदी हो गई। यह नौ माह का उच्चतम स्तर है। इससे पहले सर्वाधिक खुदरा महंगाई दर 7.59 फीसदी इस साल जनवरी में दर्ज की गई थी। इस सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.27 फीसदी थी। जबकि अक्तूबर 2019 में दर 4.62 फीसदी थी। पिछले साल के मुकाबले इस अक्तूबर खुदरा महंगाई दर 2.99 फीसदी ज्यादा रही है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अक्तूबर में 11.07 प्रतिशत हो गया, जो सितंबर में 10.68 प्रतिशत था।
ब्याज दरों में राहत की उम्मीद कम
ताजा आंकड़े आने के बाद अब आने वाले वक्त में रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दर घटाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देेने में मुश्किल हो सकती है। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई दर अक्तूबर 2019 से 4 फीसदी के स्तर से अधिक पर है।
अगस्त में मिली थी मामूली राहत
खाने के सामान की महंगाई दर कम होने से अगस्त, 2020 में खुदरा महंगाई में थोड़ी राहत मिली थी। इसके चलते दर जुलाई के 6.73 फीसदी से कम होकर 6.69 फीसदी रही।
औद्योगिक उत्पादन में सितंबर में 0.2 फीसदी वृद्धि
देश के औद्योगिक उत्पादन में सितंबर माह के दौरान मामूली मगर सकारात्मक रुख दिखा। खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर महीने में औद्योगिकी उत्पादन सूचकांक में 0.2 फीसदी वृद्धि रही।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 0.6 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि, खनन व बिजली खंडों में उत्पादन में क्रमश: 1.4 और 4.9 फीसदी की वृद्धि हुई। आईआईपी के पिछले साल सितंबर के आंकड़े को देखा जाए तो इसमें 4.6 फीसदी की गिरावट आई थी।सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील के साथ आर्थिक गतिविधियों में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। इसके साथ आंकड़ा संग्रह की स्थिति भी बेहतर हुई है। मंत्रालय ने कहा कि महामारी के बाद के महीनों के आईआईपी आंकड़ों की तुलना महामारी वाले महीनों से करना उपयुक्त नहीं है।