अंडमान के आसमान मे पहली बार फहरा था मुक्त तिरंगा

द्वीप समूह में नेता जी को समर्पित स्मारक के एक मॉडल का पीएम ने किया उद्घाटन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उन्हें समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का शहीदों के नाम पर नामकरण किया। अब तक ये अनाम द्वीप थे मगर आज से ये द्वीप परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाने जाएंगे। वर्चुअली इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान की ये धरती वो भूमि है जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज के इस दिन को आजादी के अमृतकाल के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेगी। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। मैं सभी को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण हुआ है। इन 21 द्वीपों को 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा। जिस द्वीप पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहे थे वहां पर उनके जीवन और योगदानों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक का अनावरण किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं। अंडमान की ये धरती वो भूमि है जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। इस धरती पर पहली आजाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। इस सबके साथ अंडमान की इस धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे अनगिनत वीरों ने देश के लिए बलिदानों की पराकाष्ठा को छुआ था। दशकों से नेताजी के जीवन से जुड़ी फाइलों को सार्वजानिक करने की मांग हो रही थी यह काम भी देश ने पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाया। आज हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामने ‘कर्तव्य पथ’ पर नेताजी की भव्य प्रतिमा हमें हमारे कर्तव्यों की याद दिला रही है।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सम्मान के साथ देश के गौरव के समान सुभाष बाबू की मूर्ति लगाने का काम किया। आज के दिन को पराक्रम दिन घोषित करने का काम किया। यह दुर्भाग्य रहा कि सुभाष बाबू को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया मगर कहते हैं कि जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं। वो स्मृति उनकी वीरता के साथ ही होती है। द्वीपों का नाम नायब सूबेदार बाना सिंह कैप्टन विक्रम बत्रा लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे सहित 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है। इनमें मेजर सोमनाथ शर्मा सूबेदार और मानद कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह द्वितीय लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे नायक जदुनाथ सिंह भी शामिल हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं को सम्मानित करने के लिए यह पहल की है। 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में और पांच दक्षिण अंडमान में स्थित हैं। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज यानी सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया। अमित शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दो दिवसीय दौरे पर रविवार देर रात पोर्ट ब्लेयर पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह आज उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे। इस मैदान का नाम अब ‘नेताजी स्टेडियम’ है। अमित शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने की भी संभावना है जहां भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों को रखा गया था। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था।

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